पेंशन के फैसले से मदरसा शिक्षकों व कर्मियों में खुशी की लहर,सरकार का जताया आभार
सरकार ने शिक्षकों व कर्मचारियों को बढ़ापे का सहारा दिया: ग़ाज़ी
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य के 180 प्रस्वीकृति प्राप्त मदरसों एवं 11 संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पेंशन देने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार की इस फैसले से राज्य के मदरसों एवं संस्कृत विद्यार्थियों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। ऑल झारखंड मदरसा टीचर्स एसोसिएशन ने फैसले के लिए हेमन्त सरकार का आभार व्यक्त किया है।
एसोसिएशन के महासचिव हामिद ग़ाज़ी के नेतृत्व में शिक्षकों ने गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन पहुंच कर मुख्यमंत्री हेमन्त्र सोरेन को मिठाई खिला कर आभार व्यक्त किया। हामिद ग़ाज़ी ने कहा कि फैसले में थोड़ी देर जरूर हुई लेकिन हेमन्त सोरेन सरकार ने मदरसा के शिक्षकों व कर्मचारियों को बुढ़ापे का सहारा दिया। उन्होंने बताया कि 2014 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की कैबिनेट में मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को पेंशन उपादान देने का निणर्य लिया था। लेकिन बाद में रघुवर दास के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए इसे रद्द कर दिया था। लेकिन पुनः हेमन्त सरकार ने पेंशन बहाल कर के साबित कर दिया कि हमारी सरकार सभी समुदायों को साथ लेकर चलती है।
इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए उन्होंने सीएम हेमन्त सोरेन सहित शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, मंत्री आलमगीर आलम, हफीजुल हसन, विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, दीपिका पाण्डे सहित सरकार में शामिल सभी मंत्रियों और विधायकों का आभार व्यक्त किया एवं बधाई दी है। बधाई देने वालों में एसोसिएशन के महासचिव हामिद ग़ाज़ी, अध्यक्ष सैय्यद फजलुल होदा, उपाध्यक्ष मो रिज़वान क़ासमी,संरक्षक शरफुद्दीन रशीदी, सचिव मो हम्माद क़ासमी, मास्टर मुस्लिम हुसैन एवं मो शाहजहां एवं अन्य शामिल हैं।
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