रांची/इटकी (अहमद बिन नज़र) मुस्लिम समुदायों में कलाल/इराकी समुदाय की दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए, इस समुदाय के पिछड़ेपन को दूर करने और सत्ता के शासकों को सरकारी सुविधाओं और विशेषाधिकारों में भाग लेने के लिए अपनी समस्याओं को हल करने के लिए जमीयतुल-इराकीन झारखंड और यंग इराकी झारखंड कमर कस ली है। हाल के दिनों में जमीयतुल-इराकीन झारखंड के प्रतिनिधिमंडल ने बंधु तुर्की (राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और विधानसभा सदस्य), डॉ. रामेश्वर उरांव (राज्य के वित्त मंत्री), हफीजुल हसन अंसारी (अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री) और मंत्री आलमगीर आलम संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री आदि से मुलाकात की है। यह झारखंड भर में स्थानीय, क्षेत्रीय और जिला स्तरों पर विभिन्न स्थानों पर कई बैठकें शुरू हो गई है।
जमीयतुल-इराकीन झारखंड के संयोजक मौलाना मंजूर आलम कासमी के अनुसार पूरे झारखंड की प्रतिनिधि बैठक 20 नवंबर 2022 को इटकी के कमेटी हॉल के सामने मैदान में होनी है। इस संबंध में अकील अहमद की अध्यक्षता में इस्लाहुल-इराकीन हॉल में एक बैठक हुई।इस अवसर पर यंग इराकी झारखंड के संयोजक शाह उमर ने कहा कि हम आज जो कर रहे हैं वह निश्चित रूप से जाती फायदा के लिए नहीं है। बल्कि पूरे राज्य के कलाल समाज के फायदे के लिए है।
समुदाय के सभी लोगों को जागरूक होकर इस आंदोलन का हिस्सा बनना होगा। अहमद बिन नज़र मुख्य प्रवक्ता और उनके सहयोगी युवा पत्रकार मो आदिल रशीद ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और कहा कि मैं अपने समुदाय के काम के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूँ, जहाँ तक मेरी ताकत है, मैंने अपने दायित्वों को बखूबी निभाने का प्रयास किया है और भविष्य में भी यह मेरा कर्तव्य होगा कि मैं सौंपे गए कार्यों को उसी समर्पण के साथ निभाऊं। मगरिब की नमाज के बाद हुई इस बैठक में एजंडा पर चर्चा हुई। मंच, गेट, साउंड, भोजन, पार्किंग, आमंत्रण व अन्य कार्यों के लिए वित्तीय प्रावधान, साथ ही कुछ जिम्मेदारियां भी सौंपी गईं। इस बीच करीब 22 नाम सामने आए। जिसमें संयोजक शाह उमेर ने अपने ताऊन मदद की घोषणा की। यह भी तय किया गया कि इस आंदोलन का अस्थायी कार्यालय बबली परिसर में होगा। जो मग़रिब से ईशा तक होगा।
इस मौके पर खुर्शीद हसन रूमी, फिरोज कमाल, तफजुल हुसैन, मोहसिन काजमी, मौलाना बिलाल, मौलाना सईद, हाजी मुश्ताक, हाजी रिजवान आलम, शमीम अहमद, मो शाकिर, हाजी नसीम, मुमताज,एहसान मंजूर, अनीस अहमद, मो सज्जाद, अब्दुल्ला दानिश, नाज़ीश, जहीर आलम, अब्दुल हफीज (सब्जी), हाजी नसीम, अनीस (सब्जी), अय्यूब, सरूर आलम, अब्दुल मनन (सब्जी), मसूद जावेद, अल्ताफ, हाजी रिजवान, तौफीक आलम, तारिक आलम, तैय्यब और हाजी इम्तियाज, समेत रांची और आसपास के कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
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