रांची: कलाल बिरादरी में आक्रोश देखी जा रही है। यह बिरादरी सरकारी उपेक्षा का शिकार है। पूरे राज्य में कलाल बिरादरी को जोड़ने का काम हो रहा है। जागरूकता लाने का काम किया जा रहा है। कलाल बिरादरी अपनी पहचान की लड़ाई लड़ रही है। इसमें आप सबका साथ चाहिए। उक्त बातें झारखंड राज्य हज समिति के पूर्व प्रवक्ता और दर्जनों संस्था के संरक्षक खुर्शीद हसन रूमी ने कही। वह बुधवार को अंजुमन फलाह उल मुस्लिमीन बलसोकरा में आयोजित एक विशेष बैठक में बोल रहे थे।
श्री रूमी ने कहा के आज हम यहां 20 नवंबर को इटकी में होने वाले डेलीगेट सेशन के प्रोग्राम में आप सबको आमंत्रित करते हैं। और आपसे यह उम्मीद करते हैं कि आप का प्रतिनिधित्व ज्यादा से ज्यादा हो। उन्होंने कहा कि हमारा समाज पिछड़ा हुआ है। विशेष बैठक की अध्यक्षता हाजी निजामुद्दीन ने की और संचालन मास्टर अफरोज आलम ने किया। वहीं जमीअतुल इराकीन झारखंड के कन्वीनर मौलाना मंजूर आलम कासमी ने कहा कि हम सबको एक होकर और नेक होकर इस काम को करना है। यह तय कर लेना है कि bc1 में कलाल बिरादरी को जाना है तो जाना है। इसमें फिर किसी तरह का कोई बात नहीं आना चाहिए। यह लड़ाई लंबी है और इसे हम सबको मिलकर लड़ने की जरूरत है।
वही यंग इराकी झारखंड के कन्वीनर शाह उमैर ने कहां के बगैर शिक्षा के हम कुछ नहीं कर सकते। शिक्षा के स्तर को हम सबको मिलकर उठाने की जरूरत है। आज अपने और बिरादरी के बच्चों को पढ़ाने की जरूरत है।इसलिए बिरादरी को जोड़ने की जरूरत है। अपना ईगो खत्म करके एक साथ काम करने की जरूरत है। आप देखिए कोई किसी को मानने के लिए तैयार नहीं, तो ऐसे में कैसे काम होगा। वहीं अरशद मोमिन ने कहा कि बहुत वर्षों बाद हम लोग जमा हुए हैं। इस तरह के कार्य करने वालों को आज हिम्मत और ताकत देने की जरूरत है। साथ ही एक दूसरे की जानकारी को अरदान प्रदान करने की जरूरत है।
वहीं मुस्ताक अहमद ने कहा कि 20 नवंबर को इटकी में होने वाले डेलीगेट सेशन को मिलजुल कर कामयाब बनाना है। इस पर कार्य होनी चाहिए। वहीं हाजी मसीहुद्दीन ने कहा कि यह लड़ाई मिलकर लड़ने की जरूरत है। अपनी कुर्सी की लड़ाई मत लडिये। आने वाले नस्लों के लिए हम और आपको यह लड़ाई लड़ना है। वहीं मो जावेद ने कहा कि हम bc1 में आए चाहे नहीं लेकिन यूनिटी जरूरी है। साथ ही इसका डाटा भी तैयार किया जाना चाहिए। इसके अलावा मुर्तुजा हसन ने कहां के हमारे बड़े जो तय कर देंगे हम उस पर कार्य करेंगे। हम लोग 20 नवंबर को ज्यादा से ज्यादा इटकी आएंगे। इसके अलावा कई लोगों ने अपनी अपनी बातें रखी।
हाफिज नाजिम की दुआ पर कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस मौके पर शुजाउद्दीन परवेज, मो मुमताज आलम, मौलाना मुस्तफा, मौलाना हिफ्जुर रहमान, मो तबरेज़, हाफिज नाजिम, मो जाहिद, मो इलियास, अत्ताउल्लाह, अफरोज आलम, हारून रशीद, हिफजुर रहमान, शहाबुद्दीन, अशफाक अहमद, मुबीन, सनाउल्लाह, मौलाना मिन्नत, साजिद हुसैन, मो नईम, आरिफ, सिराज आलम, अतीक उर रहमान, नौशाद आलम, असद उल्लाह, फिरोज कमाल, साबिर अली, हसीबुल्ला,मो तौफीक, मुजाहिद आलम, ए सलीम,मो सैफुल्लाह, जियाउर रहमान, आफताब आलम, समेत कई लोग उपस्थित थे।
0 Comments