रांची, 10 अक्टूबर 22 झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव अमीन अहमद ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक स्मारपत्र सौंप कर योजना मद के शिक्षकों को गैर योजना मद में शामिल करने की मांग को दोहराया है। पत्र में कहा गया है कि झारखंड अधिविद्ध परिषद द्वारा 2014-2015 में सृजित पदों पर उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति राज्य के विभिन्न प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के लिए योजना मद में की गई थी, परंतु नियुक्त शिक्षकों को अब तक योजना मद से गैर योजना मद में विभागीय शिथिलता के कारण स्थानांतरित नहीं किया जा सका है,जबकि वित्त विभाग द्वारा प्रावधानित किया गया है कि तीन वर्षों से अधिक अवधि से चले आ रहे योजना मद के पदों एवं योजना से गैर योजना मद में स्थानांतरण किया जाना है। इस प्रावधान के तहत तत्कालीन सचिव, मानव संसाधन विकास विभाग।
झारखंड सरकार द्वारा जैक से 2012 में नियुक्त योजना मद के 2 संवर्ग के शिक्षकों को योजना मद से गैर योजना मद में स्थानांतरित करने का आदेश निर्गत किया गया था। परन्तु अनेकों बार स्मारित किये जाने के बावजूद भी योजना मद के सृजित पदों पर बहाल उर्दू शिक्षकों को सात वर्षों के बाद भी योजना मद से गैर योजना मद में अब तक स्थानांतरित नहीं किया गया है,जिससे योजना मद में नियुक्त उर्दू शिक्षकों को मानसिक परेशानी के साथ साथ विभिन्न तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ ने मांग किया गया है कि विभागीय प्रावधानुसार योजना मद में नियुक्त उर्दू शिक्षकों को भी गैर योजना मद में स्थानांतरित किया जाय, ताकि वर्षों से लंबित उक्त मामले का न्यायसंगत निराकरण हो सके। पत्र की प्रतिनिलि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री, वित्त मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, सचिव, वित्त विभाग, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा को भी दी गई है।
0 Comments