अष्टम के भाई-बहनों की पढ़ाई का लिया जिम्मा #देखे वीडियो किसने किया कहा#
खिलाड़ियों का करें उत्साहवर्धन : पुलक सिंघानिया
विशेष संवाददाता
रांची। एमजी सेवा ने भारत की अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम की कप्तान अष्टम उरांव को गुरुवार को सम्मानित किया। एमजी डीलरशिप शोरूम में आयोजित सम्मान समारोह में उभरते प्रतिभावान खिलाड़ी अष्टम और उनके परिवार को समुचित सम्मान प्रदान किया।
इस मौके पर एमजी सेवा के पुलक सहाय ने उनकी और उनके भाई-बहनों की शिक्षा का खर्च उठाने की घोषणा की। उनकी शिक्षा के बाद उन्हें नौकरी प्रदान करने के साथ-साथ भविष्य में भी सहायता करने की बात कही।
सम्मान समारोह की अध्यक्षता एमजी रांची के डीलर प्रिंसिपल पुलक सिंघानिया ने की।
गौरतलब है कि ऐतिहासिक फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप में भारतीय टीम की कप्तान अष्टम उरांव झारखंड के गुमला जिले के गोरराटोली गांव की रहने वाली हैं। वे अपने माता-पिता हीरालाल उरांव और तारा देवी की तीसरी संतान हैं, उनकी चार बहनें और एक भाई है। वे बचपन से ही एक फुटबॉल खिलाड़ी बनने का सपना देखती थी। अपने सपने को पूरा करने के लिए सफर को जारी रखा।
सम्मान समारोह में मौजूद पत्रकारों को अष्टम उरांव ने बताया कि वे अपने गांव से हजारीबाग की सरकारी आवासीय फुटबॉल अकादमी में चुनी जाने वाली पहली युवती बनीं। वहां से अष्टम उरांव अंडर -17 राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन गई। उन्होंने जमशेदपुर में और उसके बाद विदेश में मलेशिया में दक्षिण एशियाई फुटबॉल महासंघ (एसएएफएफ) की प्रतियोगिता में भी भाग लिया।
इस अवसर पर पुलक सिंघानिया ने कहा कि अष्टम में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने अपनी प्रतिभा से झारखंड सहित पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकर हमें प्रेरणा मिली। हम अपनी ओर से उनका सम्मान करने और उनके परिवार को उचित शिक्षा प्राप्त करने में सहायता करके गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। हमें सहयोग प्रदान करने और अष्टम की यात्रा का हिस्सा बनने की खुशी है, जो कि युवा प्रतिभा और समाज को सहयोग प्रदान करने के लिए एमजी सेवा पहल के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि अपने स्थापना काल से ही एमजी मोटर इंडिया ने समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास किया है। एमजी सेवा के तहत विशेषकर महिलाओं और समाज के विभिन्न समुदायों के बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में प्रयासरत है। एमजी मोटर ने इससे पहले महिला खिलाड़ियों को उनके लक्ष्यों तक पहुंचने में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से भागीदारी की है। इनमें पेशेवर गोल्फर त्वेसा मलिक, खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार-प्राप्त खिलाड़ी, दीपा मलिक, 2020 टोक्यो पैरालिंपिक में भारत की पहली रजत पदक विजेता, भावना पटेल, एथलीट रूपल चौधरी, उभरते हुए टेबल टेनिस खिलाड़ी प्रथा पवार और गुजरात के फुटबॉल के फुटबॉल खिलाड़ियों की टीम, पाटन गर्ल्स शामिल हैं।
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