इराकी-कलाल समाज की मांग, पिछड़ावर्ग वन में शामिल करे सरकार
राँची: सोमवार 3 अक्टूबर 2022 को रांची के इटकी इस्लाहुल इराकीन कमिटी हॉल में छोटा नागपुर, देही और शहरी क्षेत्र के इराकी-कलाल जाति के लोगों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। जिसमें कलाल व इराकी जाति के लोगों को पिछड़े वर्ग वन में शामिल नहीं करने पर आंदोलनात्मक करवाई की जाएगी। संगठन के कन्वीनर मौलाना मंजूर अहमद कासमी ने बताया कि बैठक में चर्चा की गई कि झारखंड कलाल इराकी समाज को पिछड़ावर्ग वन में शामिल किया जाए। साथ ही यह संकल्प राज्य सरकार के कैबिनेट द्वारा लिया जाना चाहिए। इस बैठक की अध्यक्षता मौलाना मंजूर कासमी इटकी ने किया और संचालन मोहसिन काजमी ने किया। डॉक्टर नैयर मुमताज़ ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम की शुरुआत शहर क़ाज़ी मौलाना कलीम कासमी के तिलावत कुरान पाक से हुआ। बैठक के मुख्यातिथि खुर्शीद हसन रूमी ने अपने संबोधन में कहा कि इस काम को शुरू से शुरू करना है। उन्होंने कहा कि जमीयतुल इराकीन एक पुरानी बॉडी है, संयुक्त बिहार के समय इस बिरादरी को बीसी 2 में शामिल किया गया। इराकी, कलाल बिरादरी काफी पिछड़ा हुआ है। शैक्षणिक पिछड़ापन, आर्थिक पिछड़ापन, खेती-बाड़ी मजदूरी, हमाली और छोटे छोटे काम करती है। हम पूरे झारखंड में फैले हुए हैं। आबादी के बिना पर यह बहुत बड़ी आबादी है। इस कमयूनीटी को BC1 में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए एक प्रतिनिधि सम्मेलन 20 नवंबर 2022 को इटकी में प्रस्तावित है। जिसमे झारखंड के 24 जिला से प्रतिनिधि शामिल होंगे। जिसमे आगे की रणनीति तय किया जायेगा।
इसके लिए एक संस्था जमीयतुल इराकीन झारखंड का गठन खुर्शीद हसन रूमी के प्रस्ताव पर सैंकड़ों लोगों ने हाथ उठाकर किया। परस्तावित संस्था का गठन प्रतिनिधि सम्मेलन में किया जाएगा। कार्यों के संपादन के लिए मौलाना मंजूर कासमी इटकी को कन्वीनर बनाया गया। बैठक में सर्वसम्मति से यंग इराकी झारखंड का भी गठन किया गया। ताकि नौजवानों को जोड़ कर बुनियादी काम किया जाए। और नवजवानों को सही दिशा में अग्रसारित किया जाए। रांची के शाह उमैर पूर्व महासचिव जमीयतुल इराकीन रांची को यंग इराकी झारखंड का कन्वीनर मनोनित किया गया। वहीं शाह उमैर ने कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है में पूरे झारखंड का दौरा कर युवाओं को जुडूंगा और शशक्त संगठन बनाऊंगा। यह लड़ाई एक दिन की नही है, लंबी लड़ाई है, इसे मिलकर लड़ना होगा। पूरे झारखंड में इसको लेकर जागरूकता लाने की जरूरत है।इसको लेकर पूरे झारखंड में दौरा किया जायेगा।
वहीं गुलाम शाहिद पत्रकार ने कहा की अपनी पहचान को बचाने के लिए संव्य आगे आना होगा। समाज को जोड़ने और आगे बढ़ाने के लिए जो हमारे बाप दादा ने खाका तैयार किया था उस पर काम करने की जरूरत है। वही हाफिज इमरान अध्यक्ष लोहरदगा ने कहा की हमे अपने नस्लों को बचाने के लिए काम करना है। वही अब्दुल कय्यूम सोंस ने कहा कि इस काम को आगे बढ़ाने की जरूरत है। मौके पर हाजी तैय्यब अली, मौलाना मंजूर, खुर्शीद हसन रूमी, गुलाम शाहिद, एस परवेज़ रांची, सरफराज हुसैन, जाहिद हुसैन, परवेज़ राजा, मुस्तफा आलम, इम्तियाज रांची पूर्व जमीयतुल इराकीन रांची उपाध्यक्ष, हाजी नसीम, हाजी इमतिया, अली हसन, हाजी नईम, मुश्ताक अहमद, मो कलीम, कमाल, नौशाद आलम, अनीस अहमद, तसव्वर अहमद, मो साजिद, तफज्जुल हुसैन, फिदा उर रहमान, आरिफ, इम्तियाज अहमद, मिनहाज अहमद, वली अहमद, अली अहमद, अरशद मोमिन, इमरान आलम, अब्दुल कयूम, मो नईम, सादिक, मो गुफरान, मुमताज हुसै, तारीक आलम, मो सरवर, जावेद अख्तर, इमामुद्दीन, खुर्शीद आलम, मुदासिर, निसार अहमद, एहतेशाम, सरफराज आलम, मोहम्मद सलीम, मो शब्बीर, गुलाम अंबिया, हाजी मुस्लिम, अहसन मंजूर, हाजी कयूम, मौलाना बेलाल, सैफुल्लाह अतहर, जाहिद, सहित सैंकड़ों लोग थे।
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