रांची: इस्लाहुल इराकीन इटकी कमेटी हॉल में अकील अहमद की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। संचालन मोहसिन काजिम ने किया। जिसमें रांची, लोहरदगा और जमीअतुल इराकीन देही हल्का के लोग शामिल हुए। जिसमें सर्वसम्मति से ग्यारह प्रस्ताव पारित किए गए। पहला झारखंड के हर जिला में जहां-जहां भी कलाल बिरादरी के लोग हैं, 20 नवंबर को अपना कारोबार बंद कर इटकी सम्मेलन में शामिल होंगे। दूसरा हर जगह के लोग अपना सहयोग करेंगे। तीसरा जिला और इटकी के अगल बगल गांव के लोग अपने साथ कितने लोग और कितने गाड़ी लेकर आएंगे उसकी जानकारी यहां के जिम्मेदारों को देंगे।
चौथा यहां मौजूद तमाम लोगों की जिम्मेदारी है कि किसी को कोई दिक्कत या परेशानी हो तो आपस में मिलकर दूर करेंगे। हर जगह के जिम्मेदार अपना नंबर ऑफिस में लिखवा देंगे। इसके साथ ही यह भी निर्णय हुआ कि जमीअतुल इराकीन झारखंड की विधिवत तंजीम 20 नवंबर के बाद ही बनाई जाएगी। जिसमें झारखंड के सभी जिला के प्रतिनिधि होंगे। यहां मौजूद सभी लोग अपने रिश्तेदारों को फोन कर 20 नवंबर को इटकी आने को आमंत्रित करेंगे। इश्तहार या दावत नामा दोनों कन्वीनर के नाम और हस्ताक्षर से ही जारी किया जाएगा। 1994 में जिन लोगों की कुर्बानी रही है उनको भी आमंत्रित किया जाएगा।
साथ ही हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई कोई भी हो सभी को आमंत्रित करें और किया जाएगा। इसके अलावा इत्यादि है। मौके पर जमीयतुल इराकीन झारखंड के कनवीनर मौलाना मंजूर कासमी, यंग इराकी के कन्वीनर शाह उमैर, खुर्शीद हसन रूमी, शुजाउद्दीन परवेज, हाजी आरिफ़, फिरोज़ कमाल, पत्रकार आदिल रशीद, वासिफ कयूम, हाजी नईम, मास्टर लुकमान, लोहरदगा यंग इराकी के कन्वीनर, मो राजा, मो मसूद, परवेज राजा, इम्तियाज, मोहसिन काजिम, मो मुश्ताक, हाजी तैय्यब, हाजी इनाम, हाजी मसीह, हाजी मुस्लिम, हाजी खलील, हाजी नसीम, मो मुर्तुजा समेत सैंकड़ों लोग थे।
Note: बैठक की शुरुआत मौलाना मुस्तफा कासमी के तिलावत कुरान से हुआ। और इनकी दुआ पर सम्पन्न हुआ। इनके साथ सैफुल्लाह, डॉक्टर ओबैदुल्लाह आदि
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