जमीअतुल इराकीन व यंग इराकी झारखंड का जनसंपर्क जारी
सामाजिक नवनिर्माण में कलाल समुदाय की भूमिका अहम : शाह उमैर
रांची। सामाजिक नवनिर्माण और आर्थिक विकास में कलाल समाज की अहम भूमिका है। इसके बावजूद हमारा समाज विगत कई दशकों से उपेक्षा का दंश झेलने को विवश है। उक्त बातें यंग इराकी झारखंड के कन्वेनर शाह उमैर ने शुक्रवार को होटल शाह रेसीडेंसी में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कही। उन्होंने कहा कि सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों का शिकार कलाल समुदाय अपने उत्थान और कल्याण के लिए संघर्षरत है, लेकिन इसमें आशातीत सफलता नहीं मिल रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि हमारा समुदाय एकजुट नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड में मुस्लिम समुदाय की आबादी तकरीबन 18 फसदी है, जिसमें से 7 से 8 फीसदी कलाल समुदाय की आबादी है। बावजूद इसके हम उपेक्षित हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1994 के पूर्व (एकीकृत बिहार में) कलाल बिरादरी न तो फॉरवर्ड श्रेणी में शामिल था और न ही बैकवर्ड श्रेणी में।
संयुक्त बिहार के समय वर्ष 1994 में इटकी में कलाल समुदाय के एक सम्मेलन में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी शिरकत किया था। कलाल समुदाय की मांग पर उन्होंने इस समुदाय को ओबीसी कैटेगरी टू में शामिल करने की घोषणा की। लेकिन इसका भी लाभ पूरी बिरादरी को नहीं मिल पाया। अलबत्ता कुछ मुट्ठी भर लोग ही इससे लाभान्वित हुए। कलाल बिरादरी का एक बड़ा तबका उपेक्षित ही रहा। न तो राजनीतिक क्षेत्र में और न ही सरकारी नौकरी के क्षेत्र में इस समुदाय की समुचित सहभागिता रही।
उन्होंने कहा कि लगभग चार-पांच दशक से कलाल बिरादरी उपेक्षित है। जबकि इस समुदाय का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से बीसी-वन कैटेगरी में कलाल समुदाय को शामिल करने की मांग की जाती रही है। इसके लिए संघर्षरत भी हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हक पाने के लिए एकजुटता जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जातीय आधार पर जनगणना कराए। तभी कुछ हद तक इसका लाभ कलाल बिरादरी को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे समुदाय को हमेशा उपेक्षित रखा गया। अब हम किसी के गुलाम नहीं रहेंगे। कलाल समुदाय के उत्थान से मुस्लिम समाज का भी समुचित कल्याण संभव हो सकेगा।
उन्होंने कलाल बिरादरी की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि हमें अधिकार पाने के लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि तकरीबन तीन दशक के बाद जमायतुल इराकीन और यंग इराकी, झारखंड के प्रयास से कलाल समुदाय के विशाल सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
जमीअतुल इराकीन, झारखंड के कन्वेनर मो. मंजूर आलम कासमी और यंग इराकी से जुड़े सदस्यों का प्रयास रंग ला रहा है। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को इटकी में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसमें कलाल बिरादरी के तकरीबन दस हजार लोगों के शिरकत करने की उम्मीद है।
सम्मेलन में शिरकत करने के लिए इन्हें किया गया है आमंत्रित:
कलाल समुदाय को बीसी वन कैटेगरी में शामिल करने सहित अन्य मांगों को लेकर इटकी में 20 नवंबर को प्रस्तावित विशाल सम्मेलन में भाग लेने के लिए झारखंड सरकार के संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता, राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है।
वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष मंजूर अहमद अंसारी को सम्मेलन में शामिल होकर हौसला अफजाई करने का अनुरोध किया गया है।
सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने में जुटे प्रतिनिधिगण
एक दिवसीय विशाल कलाल एराकी सम्मेलन की ऐतिहासिक सफलता के लिए जमीअतुल इराकीन, झारखंड और यंग इराकी झारखंड के अतिरिक्त छोटानागपुर रूरल कलाल कम्युनिटी ऑर्गेनाइजेशन के प्रेसिडेंट मास्टर अब्दुल कयूम व जनरल सेक्रेटरी मास्टर मुस्ताक सहित मन्नान साहब, जावेद साहब, समी आजाद, मोहम्मद अल्तमश, हाजी मसीउद्दीन, खुर्शीद हसन रूमी, फारूक अहमद, अकील साहब, ग्यासुद्दीन, मोहसिन साहब, अनस साहब, मजह साहब, आरिफ अहमद, सिजाउद्दीन परवेज, इरफान उजैर, समी आजाद जुटे हैं।
वहीं,कोडरमा से अख्तर साहब, पाकुड़ से गुलाम मोहम्मद सरफराज, हजारीबाग से कैसर खालिद साहब, बोकारो से रईस साहब, गिरिडीह से डॉ.आजाद, चतरा से अहमद बिन नजर, जमशेदपुर से एहतेशाम व शकील साहब, लातेहार से डाॅ.राजा, टंडवा से जुल्फान, लोहरदगा से वसीफ कयूम, सिमडेगा से मिनहाज सहित अन्य प्रतिनिधिगण ने सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
यंग इराकी झारखंड के कन्वेनर शाह उमैर ने विशेष रूप से सम्मेलन के आयोजनकर्ता इस्लाहुल इराकीन, इटकी के अकील साहब और छोटानागपुर देही इलाका कलाल कम्युनिटी के सईद साहब सहित तमाम सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने सम्मेलन के ऐतिहासिक सफलता के लिए दिन रात एक कर दिया है।
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