रांची। जाड़े के मौसम में दातों की विशेष देखभाल करना जरूरी है। बदलते मौसम के समय अधिक ठंडा या अधिक गर्म पेय पदार्थ व खाद्य सामग्री के उपयोग से परहेज करने की भी आवश्यकता है। उक्त बातें राजधानी रांची के प्रख्यात दंत रोग विशेषज्ञ व ओरल एंड मैक्सीलोफेसियल सर्जन डॉ.एम सिबगतुल्लाह ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कही। उन्होंने दांतो को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने पर बल देते हुए कहा मजबूत दांत, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में भी काफी सहायक होते हैं। चबाकर भोजन करने से पाचन प्रणाली ठीक रहती है। यदि हाजमा दुरुस्त है, तो कई रोगों से दूर रहा जा सकता है।
डॉ.सिबगतुल्लाह ने कहा कि खासकर जाड़े के मौसम में अधिक ठंडा या अधिक गर्म पानी व खाद्य पदार्थ के सेवन से दांतों में झनझनाहट की शिकायतें बढ़ जाती है।
उन्होंने बताया कि दातों में तीन परत होते हैं। पहली परत एनामेल होती है, जो हड्डी से भी अधिक मजबूत होती है। दूसरी परत डेंटिन होती है, जो काफी संवेदनशील होता है। यदि पहली परत घिस गई है, तो डेंटिन प्रभावित होता है और झनझनाहट ज्यादा होता है। ऐसे में अधिक गर्म या अधिक ठंडे पानी से परहेज करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि एसिडिटी की वजह से भी दांतों पर असर होता है। इसलिए एसिडिटी नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से दवाई लेते रहें। उन्होंने बताया कि बाजार में मेडिकेटेड टूथब्रश और मेडिकेटेड टूथपेस्ट उपलब्ध हैं। इसका सेवन दंत चिकित्सक की सलाह लेकर ही करें। दांतों की समस्या उत्पन्न होने पर अविलंब विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लें। उन्होंने कहा कि दांतों और मसूढ़ों को स्वस्थ रखने के लिए नीम, बबूल या अन्य पेड़ों के दातुन काफी लाभदायक होते हैं। नियमित रूप से दातुन से दांत साफ करने पर दंत रोगों से बचाव संभव है। वहीं, अधिक केमिकलयुक्त टूथपेस्ट के उपयोग से भी परहेज करने की आवश्यकता है। अधिक केमिकलयुक्त टूथपेस्ट से दांतों के इनेमल के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है। इससे दांतों को नुकसान पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि दांत हमारे शरीर के प्रमुख अंगो में से है। इसका एहसास दांत नहीं रहने पर ही होता है। इसलिए दांतों की देखभाल के प्रति लापरवाही न करें।
0 Comments