जमीयत उलेमा जिला लोहरदगा के द्वारा सद्भावना संसद का आयोजन
गंगा जमनी तहजीब को इनकार कर अखंड भारत का सपना बेकार: शाह उमैर
रांची: जमीयत उलेमा झारखंड जिला लोहरदगा के द्वारा सद्भावना संसद का आयोजन लोहरदगा में हुआ। जिसकी अध्यक्षता जमीअत उलेमा जिला लोहरदगा के अध्यक्ष मौलाना अहसन इमाम मजाहरी ने किया और संचालन प्रख्यात समाजसेवी सह सीनियर पत्रकार गुलाम शाहिद ने किया। प्रोग्राम के मुख्य अतिथि जमीअत उलेमा झारखंड के कोषाध्यक्ष शाह उमैर और विशिष्ट अतिथि लिवेंस एकेडमी के फादर थॉमस, थाना प्रभारी पंकज कुमार शर्मा, मास्टर राम चंद्र गिरी, माले नेता महेश कुमार सिंह, राजद के बालमुकुंद लोहरा, पार्षद दिनेश पांडे, प्रोफ़ेसर शंभू कुमार, जमीअत उलेमा झारखंड के महासचिव मौलाना डॉक्टर असगर मिस्बाही थे।
आए हुए सभी मेहमानों का जमीअत उलेमा जिला लोहरदगा के महासचिव मौलाना अब्दुल हमीद और उनकी टीम ने गुलदस्ता देकर स्वागत किया। फादर थॉमस ने अपने संबोधन में कहा कि सद्भावना संसद के आयोजन कर्ता को मुबारकबाद पेश करते हैं। इस तरह के प्रोग्राम से आपसी दूरी मिटेगी। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे अपने परिवार और अपने घर से सीखते हैं। इसलिए अपने घर में सही माहौल बनाएं। हम सब को शांति का दूत बनकर जीना होगा।
वहीं मुख्य अतिथि शाह उमैर ने कहा कि गंगा जमुनी तहजीब के बगैर अखंड भारत नहीं बन सकता। हमें अपने समाज, अपने देश से प्यार करना होगा। हमें एक दूसरे के दुख दर्द में शामिल होकर और नफरत को मिटाकर मोहब्बत को फैलाना होगा। वहीं कयूम खान ने कहा कि भारत देश एकता में अखंडता की मिसाल है। हिंदू या मुस्लिम के एहसासात को मत छेड़िए, अपनी कुर्सी के लिए जज्बात को मत छेड़िए। वहीं बालमुकुंद लोहरा ने कहा कि सद्भावना संसद की जितनी तारीफ की जाए कम है। हमें चाहिए कि समाज में नफ़रत फैलाने वालों के खिलाफ एक साथ मिलकर खड़े हो।
प्रोफेसर अरशद मोमिन ने कहा कि यह आपस के झगड़े मिटा देंगे हमको। हम एक ही मां बाप की औलाद है तो लड़ाई किस बात की। वहीं मास्टर लुकमान ने कहा कि हमें अपने आसपास और समाज में अच्छे लोगों के साथ उनकी अच्छाई को सामने रखकर काम करना है तब बुराई खुद ब खुद खत्म हो जाएगा। वहीं जमीयत उलेमा लोहरदगा के महासचिव मौलाना अब्दुल हमीद ने अपने संबोधन में कहा कि आज का यह कार्यक्रम हमारे प्रखंड के लोगों ने कामयाब किया है। हमारी एक आवाज पर उन्होंने साथ दिया। उन्होंने कहा कि आप सब जहां भी रहे शिक्षा को बढ़ावा दे। शिक्षा से ही अंधेरा दूर होगा। पैगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद का यही पैगाम है कि अपना सब कुछ दूसरों के लिए निछावर कर दो। शिक्षा जब समाज में आएगी तो नफरत दूर भागेगी।
मौलाना मुस्तफा ने कहा कि जमीयत उलेमा हिंद देश को जोड़ने का काम किया है। यह समाजी तंजीम है,जो खूबसूरत हिंदुस्तान बनाने का काम करती हैं। पार्षद दिनेश जी ने कहा कि जमीअत उलेमा का यह पहल अच्छी है, और यह पहल रुकना नहीं चाहिए। समय-समय पर इस तरह का कार्यक्रम होना चाहिए। मुट्ठी भर लोग जो समाज में नफरत फैलाते हैं ऐसे लोगों को सामाजिक आर्थिक बहिष्कार होना चाहिए। महेश कुमार सिंह उर्फ सांवरिया जी ने कहा कि हमारी कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए। सभी धर्म के लोग एक हैं और एक होकर काम करने की जरूरत है।
मौके पर जियाउद्दीन जाहिद, ताबिश आलम, किशोर कुमार वर्मा, प्रोफेसर शंभू कुमार, मास्टर राम चंद्र गिरी, मौलाना नसीम रहमानी कैरो, मौलाना मेराज, मौलाना गुलाम रब्बानी, मौलाना खलील, मास्टर समीद, मौलाना परवेज, मौलाना मुंतजिर, मुफ्ती उमर, हाजी जहीरुल इस्लाम, मौलाना अब्दुल कयूम बलसोकरा समेत सैंकड़ों लोग थे।
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