पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रहा मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना : शशि प्रकाश झा
गव्य विकास विभाग का ओरियंटेशन प्रोग्राम आयोजित
रांची जिले के 218 पंचायतों के मुखिया हुए शामिल
विशेष संवाददातारांची। झारखंड सरकार के कृषि,पशुपालन व सहकारिता विभाग के अधीनस्थ गव्य विकास विभाग के प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान, धुर्वा के सभागार में रांची जिले के पंचायतों के मुखिया के लिए मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में गव्य विकास विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के कार्यान्वयन की विस्तृत जानकारी दी गई। जिला गव्य विकास कार्यालय, रांची के सौजन्य से आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम में जिले के मुखिया को उनके अधिकार एवं कर्तव्यों की भी जानकारी दी गई।
गव्य विकास विभाग के निदेशक शशि प्रकाश झा ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। जागरूकता कार्यशाला में ग्राम पंचायतों के मुखिया को संबोधित करते हुए निदेशक श्री झा ने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से अधिक से अधिक ग्रामीणों को जोड़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने गव्य विकास विभाग द्वारा किसानों-पशुपालकों के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारियां ग्रामीणों से साझा करने की अपील की। श्री झा ने कहा कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को गव्य विकास विभाग की योजनाओं की जानकारी नहीं हो पाती है, नतीजतन ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालक व किसान सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। इसके लिए संबंधित पंचायतों के मुखिया को ग्रामीणों के बीच जाकर योजनाओं की जानकारी देने की अपील की गई। गव्य विकास विभाग के उप निदेशक डॉ.मनोज तिवारी द्वारा स्वागत भाषण किया गया एवं विषय प्रवेश कराया गया। इससे पूर्व गव्य विकास विभाग के सेवानिवृत्त पदाधिकारी रबिन्द्र कुमार सिन्हा एवं अशोक कुमार सिन्हा द्वारा विभाग की योजनाओं, दुधारू पशुओं का बीमा आदि की जानकारी दी गई। विभागीय अधिकारियों ने कार्यशाला में उपस्थित मुखिया को संबोधित करते हुए कहा कि योजनाओं के लिए लाभुकों के चयन में मुखिया(जनप्रतिनिधि) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि सर्वप्रथम ग्राम सभा से ही लाभुकों का चयन किया जाता है।
कार्यक्रम में रांची जिले के कुल 218 पंचायत के मुखिया शामिल हुए।
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