अगर किसी के अन्दर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी.....


अगर किसी के अन्दर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल उसके हौसले को रोक नहीं सकती फिर चाहे वह समाज ही क्यों न हो। हम बात कर रहे हैं मसीहुद्दीन खान की

रांची: मसीहुद्दीन खान हर बच्चे की पढ़ाई पर पूरा ध्यान देते हैं और जो बच्चा पढ़ने में कमजोर है उसके लिए विशेष कक्षा भी चलाते हैं। जिससे कि बच्चे को अन्य बच्चों के साथ आगे बढ़ाया जा सके। मसीहुद्दीन खान बच्चों को नए-नए तरीकों से आगे बढ़ाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं, जिसका परिणाम भी अब विद्यालय में दिखने लगा है। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में इस विद्यालय के बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन भी किया है।
झारखंड की राजधानी रांची में लोवाडीह स्थित मौलाना आजाद कॉलोनी जो पूरी तरह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है वहां पर शिक्षा की काफी कमी देखी जाती है खासकर इस इलाके में रहने वाले मुस्लिम परिवार जो बहुत ही मुश्किल से दो वक्त की रोटी कमा पाते हैं ऐसे में उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजना एक सपना सा लगता है,  लेकिन इसी बीच मौलाना आजाद कॉलोनी में मसीहुद्दीन खान गरीब परिवार वालों के लिए फरिश्ता बनकर सामने आए उन्होंने कठिन परिश्रम और दिन रात मेहनत करके सन 2000 में रोड नंबर 19 में ए एस पब्लिक स्कूल की बुनियाद रखी,
इनका सपना था कि मुस्लिम इलाके के गरीब परिवार के बच्चों और बच्चियों को दीनी और दुनियावी तालीम से जोड़ा जाए मुस्लिम इलाके में स्कूल खोलना मसीहुद्दीन खान के लिए काफी चुनौतियों भरा था लोग भरोसा नहीं कर पा रहे थे कि इस स्कूल में किस तरह की पढ़ाई होगी लेकिन उन्होंने जब स्कूल के संगे बुनियाद रखी तब लोगों को भरोसा दिलाया स्कूल की फीस मात्र ₹50 होगी और सभी वैसे परिवार जो गरीबी की वजह से अपने बच्चों को अच्छी देनी और दुनियावी तालीम नहीं दे पा रहे हैं उन्हें स्कूल में दाखिला करा कर उन्हें एक अच्छे मुकाम पर पहुंचाना था फिर धीरे-धीरे इस स्कूल में 63 बच्चे और बच्चियों ने अपना दाखिला कराया और उनकी कड़ी मेहनत की वजह से आज 2022 में ए एस पब्लिक स्कूल रांची शहर में एक अलग मुकाम और पहचान रखता है।


हमेशा चलता है फ्री क्लास
मसीहुद्दीन खान बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए अलग-अलग तरीकों से अध्ययन कराते हैं। विद्यालय में टाइम टू टाइम फ्री क्लास चलतीं हैं। इस दिन बच्चों के पास पठन-पाठन की कोई सामग्री नहीं होती है। इस दिन बच्चों को देश-विदेश की जानकारी, पर्यावरण की जानकारी समेत प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में बताया जाता है, जो कि आज के प्रतिस्पर्धा के दौर में काफी जरूरी है। इन सब जानकारियों को प्राप्त करने के लिए सभी बच्चे उत्साह के साथ फ्री क्लास में पहुंचते हैं।


पेशे से बतौर शिक्षक मसीहुद्दीन खान मुस्लिम इलाकों में स्कूल तो खोले लेकिन इनके सामने एक चैलेंज था के गरीब तबके के बच्चे कैसे स्कूल आए इसलिए इन्होंने ना धूप देखा ना ही बारिश ना ही दिन देखा ना ही रात बस  लगे रहे अपने इस मिशन में कि कैसे हम गरीब तबके के बच्चों को एजुकेशन हासिल करवा कर एक अच्छे मुकाम पर पहुंचा दे धीरे-धीरे इनकी मेहनत रंग लाने लगी और आज एस पब्लिक स्कूल की शानदार बिल्डिंग बन कर तैयार है और 400 से ज्यादा बच्चे और बच्चियां दीनी तालीम और दुनियावी तालीम हासिल कर रहे हैं !
झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री हफिज उल हसन से पुरस्कार पा चुके हैं मसीहुद्दीन खान
अपने बेहतर शैक्षणिक कार्यो के लिए मसीहुद्दीन खान मंत्री हफिज उल हसन के हाथों से सम्मानित भी हो चुके हैं  मसीहुद्दीन अपने समय का पूरा उपयोग शिक्षा को मजबूत करने के लिए करते हैं। कई बार तो छुट्टी के दिन भी स्कूल पहुंचकर दो से तीन घंटे तक शिक्षण कार्य करते हैं। इस विद्यालय में बच्चों को देश दुनिया समेत नई-नई जानकारियां मसीहुद्दीन खान के सहयोग से मिल रही हैं।


ए एस पब्लिक स्कूल की सबसे खास बात यह है कि बच्चे और बच्चियों को दीनी तालीम के साथ-साथ उर्दू और इंग्लिश का भी कोर्स करवाया जा रहा है ताकि किसी भी फील्ड में वह हमेशा आगे रह सके, एस पब्लिक स्कूल के बच्चों के लिए स्कूल प्रबंधक के तरफ से उनको निखारने और संवारने के लिए वक्त वक्त पर साइंस एग्जीबिशन और स्पोर्ट्स की एक्टिविटी भी होती रहती है ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी अव्वल रहे !
मुस्लिम इलाके में गरीब तबके को एजुकेशन देकर मसीहुद्दीन खान ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है उनका मानना है कि अगर हमारे इलाके से कोई बच्चा बड़ा अधिकारी और अफसर बनता है बड़े ओहदे पर जाता है तो उनके और उनके स्कूल का नाम भी रोशन होगा, मौलाना आजाद कॉलोनी में अकेला एक ऐसा स्कूल है जहां कम पैसों में अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी बच्चे और बच्चियों को दिया जाते हैं !
मौलाना आजाद कॉलोनी के रोड नंबर 19 में स्थित एस पब्लिक स्कूल में नर्सरी से दसवीं तक की पढ़ाई बच्चों को दिलाई जाती है और सबसे खास बात यह है कि पढ़ाई का स्तर स्कूल में इतना अच्छा है कि बच्चे और बच्चियों का मैट्रिक का रिजल्ट 86% तक होता है इस स्कूल में सबसे अच्छी बात यह है कि बच्चों की सुरक्षा का भी पूरी पूरा ख्याल स्कूल प्रबंधन रखता है स्कूल की बिल्डिंग से लेकर क्लासरूम तक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है ताकि स्कूल प्रबंधक बच्चों की हर एक एक्टिविटी पर नजर रखें, वही लॉकडाउन कि अगर हम बात करें तो इस स्कूल ने एक मिसाल कायम की है लॉकडाउन जैसे कठिन वक्त में भी स्कूल प्रबंधन ने अपने स्कूल के सभी बच्चों और उसके परिवार के साथ रिश्ता जोड़े रखा और उन्हें ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा भी दी और सबसे बड़ी बात यह है कि गरीब बच्चों को बड़ी राहत देते हुए स्कूल प्रबंधक ने 1 साल की फीस को माफ कर दिया !


ए एस पब्लिक स्कूल में पढ़ रहे बच्चे और बच्चियों के माता-पिता भी स्कूल की पढ़ाई से काफी संतुष्ट नजर आते हैं उन लोगों का कहना है कि इतने कम पैसे में रांची का कोई भी स्कूल दीनी और दुनियावी तालीम नहीं देता है ! सबसे बड़ी बात यह है कि सरकारी शिक्षक से रिटायर मसीहुद्दीन खान ने जो सपना देखा था कि गरीब बच्चों को बहुत ही कम पैसे में शिक्षा देना उनका यह सपना सच साबित हो रहा है !
बच्चों में सरकारी शिक्षा के प्रति विश्वास बढ़े। यहां की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिले। इसी को लेकर बच्चों को हर प्रकार की जानकारियां देने के कार्य कर रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि अन्य विद्यालयों में भी शिक्षक बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए विद्यालय में बेहतर माहौल बनाएंगे

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