गोड्डा में सीएम हेमंत की खतियानी जोहार यात्रा
जो खतियानी बिल का करे विरोध, उसे गांव में न बैठने दें : गोड्डा में बोले हेमंत सोरेन
गोड्डा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को गोड्डा के मेला मैदान में आयोजित खतियानी जोहार यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की. अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि 40 साल के संघर्ष के बाद राज्य मिला. 20 साल तक शोषित रहे गरीब, मजदूर और अल्पसंख्यक के साथ अन्याय करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने के साथ उनके वाजिब हक दिलाने का काम किया हूं. हमने 1932 खतियानी का अधिकार यहां के मूलवासियों अौर आदिवासियों को दिया. यह सब उनके सहयोग से ही पूरा हुआ. इसी बात की कृतज्ञता जताने के लिए गोड्डा में हूं.हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में वन अधिकार कानून को संशोधन करने का काम कर रही है. संशोधन से आदिवासी, मूलवासियों का अधिकार समाप्त हो जायेगा. उनके अस्तित्व पर प्रभाव पड़ेगा. इस बात को लेकर केंद्र सरकार व मंत्री को पत्र लिखा गया है. किसी भी सूरत में झारखंड में वन अधिकार कानून को समाप्त करने नहीं दूंगा.
खतियानी बिल का विरोध करने वालों को गांव में बैठने न दें
सीएम ने कहा कि खतियानी बिल का विरोध करने वालों को गांव में बैठने न दें. राज्य के लोगों ने अपने हक एवं अधिकार के लिए संघर्ष किया. राज्य बनने के बाद भी शोषण करने वाले सत्ता में रहकर राज्य को दीमक की तरह चाटने का काम किया. मगर जनता के सहयोग से ऐसी सरकार को 2019 में उखाड़ फेंकने का काम किया गया. झारखंड वीरों की धरती है. उनके संघर्ष का ही परिणाम है कि ऐसे लोग जो आज सत्ता से बाहर हैं, उन्हें अब गरीब, वंचितों व आदिवासियों के हाथ में गयी सत्ता कांटे की तरह चुभ रहा है.
कोरोना के बाद लगातार राज्य को कुतुबमीनार की ऊंचाई दी
मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास की बातों को रखते हुए कहा कि कोरोना संकट के बाद महज एक साल के दौरान विकास के मामले में राज्य को कुतुबमीनार की तरह उंचाई दी है. झारखंड देश का पहला राज्य है जो केंद्र सरकार के पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किया. आज सरकार पंचायतों व गांव में शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं को सुन रही है. सरकार के पदाधिकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहे हैं. गरीब, मजदूर के बच्चों को विभिन्न नौकरियों की तैयारी के लिये नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था कर दी गयी है. विदेशों में पढ़ने के लिये 15 लाख रुपये की ऋण की सुविधा मामूली ब्याज दरों के माध्यम से देने का काम करेगी.
गांव-गांव पंचायतों में खुलेगी दवा दुकानें, फार्मासिस्ट डिग्री की जरूरत नहीं
सीएम ने कहा कि अब गांव-गांव व पंचायतों में दवा की दुकान खोलने की अनुमति यहां के पढ़े-लिखे युवक व युवतियों को दी जायेगी. गांवों में दवा की दुकान खोलने के लिए फार्मासिस्ट डिग्री की जरूरत नहीं होगी. कम से कम मैट्रिक पास होना जरूरी है. मुख्यमंत्री ने डीजल, रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत में बढ़ोतरी, रेल से लेकर हवाई जहाज के निजीकरण किये जाने पर भी जोरदार प्रहार किया.
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