एपीसीआर द्वारा मानव अधिकारों का हनन और हमारी जिम्मेदारियां पर
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (ए पी सी आर) के बैनर तले आज दिनांक 10 /12/ 2022 को हिंदपीरी रांची में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका विषय मानव अधिकारों का हनन और हमारी जिम्मेदारियां पर आयोजित की गई किसके मुख्य वक्ता एपीसीआर के राज्य सचिव जियाउल्लाह ने कहा कि आज मानवाधिकारों की रक्षा करना बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं और राज्य सत्ता मानव अधिकार के हनन का सबसे बड़ा खतरा पूरे विश्व में है |
आगे उन्होंने कहा कि
हम सभी भारत के लोग अपने मानवाधिकारों के प्रति जिसमें सामाजिक अधिकारों में जीवन और सुरक्षा का अधिकार, परिवार का अधिकार, कार्य का अधिकार, समझौते का अधिकार, विचार व अभिव्यक्ति का अधिकार, धर्म का अधिकार, स्वतंत्रता एवं घूमने का अधिकार, संघ बनाने का अधिकार, समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार आदि शामिल किये गये हैं के प्रति प्रतिबद्ध हैं। मानव अधिकार वह जो विश्व में रहने वाले हर मानव को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त हो, जो समूची दुनिया को एक सूत्र में बांधते हो, मानव अधिकार की रक्षा करते हो तथा स्वतंत्र रूप से जीवनयापन करने की छूट हो, किसी मनुष्य के साथ कोई भी भेदभाव नहीं हो यह मानव अधिकार है। एपीसीआर के रांची कन्वीनर नौशाद साहब ने कहा कि एपीसीआर अधिवक्ताओं सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं जमीनी स्तर पर कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक ऐसा समूह है जो भारत में नागरिक एवं मानव अधिकार संरक्षण हेतु संघर्षरत है साथ ही साथ उन्होंने कहा कि आज समाज के लोगों में जागरूकता का अभाव है इसलिए लोग शोषण के शिकार हो रहे हैं एपीसीआर को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित एवं सूचित करेगी और भारतीय परिदृश्य न्याय एवं उत्पीड़न के उन्मूलन हेतु प्रयास करते रहेगी और मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए पीसीआर हमेशा कटिबद्ध रहेगी अन्याय से पीड़ित लोगों को इंसाफ दिलाना सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ी मानवता है इस कार्यक्रम में वक्ता इमरान हसन, सरता आलम, फैजान आफताब आलम ने अपनी अपनी बातें रखें कार्यक्रम का समापन संविधान के प्रस्तावना पाठ के साथ हुआ| इस कार्यक्रम में का संचालन नाैशाद आलम ने किया कार्यक्रम में सरफराज आलम, आफताब आलम, हुजैफा, मोहम्मद फैजान, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद जकी उल्लाह, अताउल रहमान आदि लोग उपस्थित थे
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