झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता आमरण अनशन पर बैठे पारा चिकित्सा कर्मियों से मुलाकात करने पहुंचे
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू आज राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं आमरण अनशन पर बैठे पारा चिकित्सा कर्मियों से मुलाकात करने पहुंचे।
झारखंड राज्य अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ एवं झारखंड राज्य एनआरएचएम संघ के आह्वान पर एएनएम,जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, एक्स-रे टेक्नीशियन पूरे राज्य से पहुंचे हजारों की संख्या में 14 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं 7 दिन से आमरण अनशन पर हैं,जिसमें 6 लोग गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं लेकिन अबतक विभाग का एक भी अधिकारी सुधि लेने नहीं पहुंचा है। संघ के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस नेताओं को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा एवं नियमावली में संशोधन करते हुए नियमितीकरण किए जाने की मांग की है। पारा चिकित्सा कर्मियों ने कांग्रेसी नेताओं को बताया कि चिकित्साकर्मी 10- 15 वर्षों से अल्प मानदेय पर वर्तमान कोविड-19 जैसी गंभीर परिस्थितियों में भी फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में कार्य करते आ रहे हैं, स्वास्थ्य कर्मियों को भी राज्य सरकार अपना हिस्सा समझे और उनके योगदान को रिकॉग्नाइज करे।पारा चिकित्सा कर्मी ने बताया कि पूर्व मंत्री स्वर्गीय राजेंद्र सिंह के समय 1500 चिकित्सा कर्मियों को स्थाई किया गया था,उसके बाद फिर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है जबकि पद खाली पड़े हुए हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, मनरेगा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि, पारा शिक्षकों के लिए बेहतर निर्णय जैसे काम किए हैं, नियमितीकरण के मामले में भी कार्य शुरू हो चुके हैं, कांग्रेस नेताओं ने कहा मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री संवेदनशील हैं। आपकी समस्याओं के समाधान के लिए हम कांग्रेस के लोग प्रयास करेंगे, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे और आवश्यकता हुई तो हाईकमान को भी वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे।कांग्रेस नेताओं ने कहा पारा चिकित्सा कर्मियों का कोरोना काल में योगदान अमूल्य है अतुलनीय है,दक्ष लोग हैं और वास्तविकता में पारा चिकित्सा कर्मी असली कोरोना योद्धा हैं। कांग्रेस नेताओं ने हड़ताल पर बैठे चिकित्सा कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा गांधी जी के सत्याग्रह अस्त्र का प्रयोग सबसे आखिरी में करना चाहिए, उन्होंने कहा अगर संभव हो तो अनुरोध को स्वीकार करते हुए अनशन समाप्त कर दें। कांग्रेस नेताओं ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से साफ तौर पर कहा है कि हड़ताल पर बैठे चिकित्सा कर्मियों के समक्ष पहुंचकर अविलंब बातचीत एवं संवाद शुरू करें।हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है।
0 Comments