चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ.एस अली ने बनाई विशिष्ट पहचान
रांची। राजधानी के मेन रोड (पंजाब स्वीट हाउस के पीछे)स्थित एमआई ऑर्थोपेडिक केयर के संचालक डॉ.एस अली ने चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है। डॉ.अली हड्डी, नस व गठिया रोग के विशेषज्ञ हैं। वहीं, घुटनों और कूल्हों के प्रत्यारोपण एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट प्रोसीजर में उन्हें महारत हासिल है। डॉ.अली के पास झारखंड के विभिन्न जिलों से ओस्टियो आर्थराइटिस, घुटना, कमर, गर्दन एवं जोड़ों के दर्द, गठिया, नस की समस्या, फ्रैक्चर एवं ट्रॉमा से पीड़ित मरीज आते हैं। एमआई ऑर्थोपेडिक केयर में सर्जरी, प्लास्टर, फिजियोथैरेपी, एक्स-रे, ब्लड टेस्ट सहित अन्य सेवाएं किफायती दर पर मरीजों को उपलब्ध कराई जाती है।
डॉ.अली की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी श्यामली (अब जेवीएम श्यामली) से हुई। वहां से उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की। तत्पश्चात दिल्ली पब्लिक स्कूल से प्लस टू किया। इसके बाद उन्होंने श्री रामाचंद्रा मेडिकल कॉलेज, चेन्नई से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। इसके बाद नवी मुंबई स्थित डीवाई पाटील मेडिकल कॉलेज से एमएस (ऑर्थो) किया। राजधानी के मेन रोड स्थित हैदरी अपार्टमेंट(पंजाब स्वीट हाउस के पीछे) निवासी हाजी साहेब अली व गुलशन आरा के पुत्र डॉ.एस अली रांची सदर अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत कई मरीजों का जटिल सर्जरी करने में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। कई मरीजों के घुटनों और कूल्हों का प्रत्यारोपण भी सदर अस्पताल में उन्होंने सफलतापूर्वक किया है। डॉ.अली के मुताबिक पीड़ित मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उनके यहां आने वाले मरीज हर तरह से संतुष्ट होकर और स्वस्थ होकर जाते हैं। डॉ.एस अली को पीड़ित मानवता की सेवा करने में अग्रणी भूमिका निभाने की प्रेरणा उनके पिता प्रख्यात समाजसेवी हाजी साहेब अली से मिली। हाजी साहेब अली शहर के जाने-माने समाजसेवी हैं। सर्वधर्म समभाव के सिद्धांतों को आत्मसात कर हाजी साहेब अली सभी धर्मों व संप्रदायों के पर्व त्योहार के मौके पर सामाजिक समरसता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉ.एस अली अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता -पिता को देते हैं और उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं।
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