रांची: वैसे तो झारखंड को प्रकृति ने खूब सजाया और संवारा है. यहां एक से बढ़कर एक खूबसूरत टूरिस्ट स्थल हैं लेकिन, पतरातू डैम की बात ही अलग है. ये पहाड़ी स्थल हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है, जिसे घुमावदार सड़कें और अधिक आकर्षक बनाने का काम करती हैं. पतरातू डैम की खूबसूरती ऐसी है कि हर कोई इसकी तरफ खिंचा चला आता है. ठंड के मौसम में तो इसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। नए साल को देखते हुए सैलानियों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। वैसे तो पतरातू डैम में पूरे साल सैलानियों को आना-जाना लगा रहता है।
यहां पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ जुटती है। इस बार विस्थापित नाविक युवा संघर्ष समिति पतरातु लेक व्यू प्वाइंट कटवा कोचा कुछ अलग ही किया है। पतरातू डैम के परवेज आलम, तारीक रजा, आफरीद अंसारी, शमशेर आलम, नसीम अंसारी, नाजिर, मो नौशाद, मो मुबारक आदि ने नववर्ष पर कुछ विशेष किया है। जिसको देखने के लिए लोग पतरातु डैम पहुंच रहे है। परवेज आलम और तारिक रजा ने बताया कि इस बार सेल्फी बोट, स्पीडबोट, शिकारा बोट और पैडल बोट, सैलानियों को खुब आकर्षित कर रहा है। विशेषकर शिकारा बोट और सेल्फी बोट खूब पसंद किया जा रहा है।
रांची से 30 किलोमीटर और रामगढ़ से 25 किलोमीटर प्रकृति की गोद में बसा पतरातू डैम और यहां की मनोरम वादियों को देखने के यूं तो सालों भर लोगों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन नव वर्ष का उल्लास यहां एक जनसैलाब बन कर उमड़ता है। यही वजह है कि यहां के नाविकों ने अपने अपने नौका को दुल्हन की तरह सजाया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौका विहार के लिए आकर्षित कर सके।
नौका विहार के दौरान पानी की धारा में साइबेरिया पक्षी की अटखेलियां एक झटके में कश्मीर कुल्लू मनाली जैसा दृश्य देखने को मिलता है। इसके अलाव दर्जनों घोड़ों को लाया गया है ताकि लोग घुड़सवारी भी कर सकें. बच्चों के लिए जगह जगह पर झूले लगाए गये हैं।
युवाओं के लिए घाटी में बने सेल्फी प्वाइंट उनके बीच का मुख्य आकर्षण केंद्र है. कुल मिलाकर यह एक फैमली पैक जैसा है. जहां हर उम्र के लोगों के लिए मनोरंजन की सुविधा है। नाविक युवा संघर्ष समिति के परवेज आलम, तारिक रजा ने बताया कि हमारे यहां सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए गये हैं। ताकि सुरक्षित रहकर लोग प्राकृतिक वादियों के मनोरम दृष्य का आनंद उठा सके.। अब गोवा का लुत्फ रांची के पतरातू डैम में लिजिए।
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