आज 2 फरवरी को 10 रज्जब बारोज जुमेरात खानकाह मजहरिया मुनअमिया डोरंडा रांची मे महाना महफीले फातिहा गौस ए आजम का जेर सरपरस्ती जैब ए सज्जादा खानकाह हज़रत पीर तरीकत अललामा अल्हाज सैय्यद शाह अल्कमा शिबली कादरी मुनअमी इनेकाद किया गया जिसमे हाफदत हाफरा मुसलमानो की जबो माली और अलिल पर मोजाकरा हुआ फिर मुसलमानो की इल्मी वा एखलाखी वा सियासी पासमानदगी भी मौजू मोजकरा रही इस महफिल मे हजरत मौलाना सैय्यद अबू राफे तीबरानी मंजरी साहब ने इस्लामी अखदार वा अहकामे इलाही वा सुनते नबवी पर सख्ती से कारबंद रहने पर ज़ोर दिया और कहा के मुसलमानो की जिल्लत और उसकी परेशानी का सबब अहकामे इलाही वा सुनतते मुस्तफिया का चोरना है। लिहाजा हमे चाहिए के उर्फी मुसलमान होने के बजाय हाकिकी मुसलमान बने और अपनी जिंदगी को कुरान वा सुन्नत के मुताबिक गुजारे।तब तो हम रहमत ए इलाही के मुस्तहिक भी होंगे और आसिकाने आउल्या मे भी सुमार होंगे। और हमारी दिक्कते और परेशानीया भी दूर होंगी। इसके बाद सजरा ए कादरिया मुनअमिया फैयाजिया पारा गया फिर जनाब मुनीर आलम मुनीर औरंगाबादी ने बरगाहे रेसालत मे नात शरीफ़ पेश किया। फिर अल्हाज अब्दुल मननान अजीमाबादी मोतालबाए जहाज को लानत कहा और लड़की वालो से किसी भी किस्म के मोतालबे से मना किया फिर कुल शरीफ हुआ। उसके बाद सलातो सलाम पारा गया।
उसके बाद हजरत साहेबे सज्जादा की दुवाओ पर महफिल ए महान फातिहा गौस ए आजम का एख्तेमाम हुआ। और मौजूद लोगो को लंगर ए गौसिया से जेयाफत की गई।इस महफिल मे जो लोग शरीक रहे उनमें मौलवी अदनान समस्तीपूरी सैय्यद अबू कुहाफा हेजाजी सैय्यद शाह मोहम्मद आफताब चिस्ती खानकाह चिस्तिया फरिदिया बिहारशरीफ सैय्यद जैन कादरी खानकाह अबुल ओलाया सैय्यदा मिरकाट नेजामी प्रोफेसर सैय्यद सरफेराज जनाब कमरुद्दीन कादरी चकलधरपूरी फैज़ी मालिक पटनावी रियाज़ रचवी सब्बीर हवारी वगैरा।
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