प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने पूछा क्या इस बजट से महंगाई कम होगी
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने केन्द्र सरकार द्वारा पेश बजट को लेकर भाजपा के अंध भक्तों से पूछा है कि क्या इस बजट से महंगाई कम होगी और क्या बेरोजगारी दूर हो सकती है।अगर नहीं तो जवाब दे भाजपा सुरसा की तरह बढ़ रही महंगाई, पेट्रोल डीजल में बेतहाशा वृद्धि,रसोई गैस सिलेंडर से गृहणियों की चिन्ता को रोकने की दिशा में यह बजट कारगर होगा ? कांग्रेस नेताओं ने कहा यह बजट जनता का भाजपा पर लगातार गिरते विश्वास का जीता जागता सबूत है। चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट है,देश को ध्यान में नहीं रखा गया है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने बजट की प्रतिक्रिया में कहा है कि बजट से देश के युवाओं को भारी निराशा हाथ लगी है।2 करोड़ नौकरी प्रतिवर्ष देने का वायदा करके सत्ता में आई सरकार ने नौकरी देना तो दूर की बात है 20 करोड़ से अधिक युवा बेरोजगार हुए हैं।2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वायदा किया गया था पर आज भी बजट में एमएसपी नहीं बढ़ाकर एवं कुछ विशेष प्रावधान नहीं करके अपनी असली नीयत दर्शा दिया है। आलोक दूबे ने कहा बढ़ती महंगाई को रोकने को लेकर कोई रणनीति या फिर कोई योजना नहीं दिखाई देती है।बढ़ती महंगाई ने पूरे घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। सरकार को जनहित से कोई लेना-देना नहीं है। मनरेगा मजदूरों एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बात नहीं की गई है इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा नयी टैक्स व्यवस्था को 7.5 करोड़ रिटर्न फाइल करने वालों में सिर्फ 50 लाख लोगों के लिए चिंता दिखाई दे रही है। कांग्रेस नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा वित्त वर्ष 2024 राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 5.9 प्रतिशत होने का दावा है जो निवेशकों को आकर्षित आकर्षित करता हुआ दिखाई देता है लेकिन पिछले 8-9 वर्षों में यह देखा गया है कि निवेशकों ने हमारी इकोनॉमी पर विश्वास नहीं किया है। किशोर शाहदेव ने कहा जो बेरोजगारी दर कांग्रेस यूपीए के दौरान 2.2% था वह अब 8% हो गया है। 18 करोड़ नई नौकरियां 9 सालों में देनी थी लेकिन मोदी सरकार ने करोड़ों नौकरियां छीन ली, सरकारी विभागों और मंत्रालयों में 30 हजार पद खाली है पर मोदी यहां भी युवाओं के साथ विश्वासघात कर गये। कांग्रेस नेता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि आज इस देश की सबसे बड़ी समस्या महंगाई, बेरोजगारी एवं किसानों की एमएसपी मुख्य विषय हैं,इसपर कोई चिंता सरकार की परिलक्षित नहीं होती है।बजट में केवल शब्दों की बाजीगरी है और कुछ भी नहीं. यह बजट आम लोगों के लिए नहीं है. यह पहला बजट है, जिसमें किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है. कर्नाटक में चुनाव है, इस कारण वहां पैसा दिया गया है. रिश्वत दिया गया है, लेकिन लोग उसके झांसे में नहीं आएंगे।
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