पांच सालों के आंदोलन के बाद शिक्षकों को स्थानांतरित किया गया गैर योजना मद में




पांच सालों के आंदोलन के बाद शिक्षकों को स्थानांतरित किया गया गैर योजना मद में

राँची, दिनांक, 10/02/2023 झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के पांच सालों की मेहनत अंतत: रंग लाई और झारखंड सरकार ने योजना मद में कार्यरत शिक्षकों को गैर योजना मद में स्थानांतरित करने की स्वीकृति प्रदान कर दिया। 1918 में झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ की स्थापना हुई थी, अपने स्थापना काल से ही अन्य मुद्दों समेत योजना मद में कार्यरत उर्दू शिक्षकों को गैर योजना मद में स्थानांतरित करने की आवाज बुलंद की जाती रही। इस दौरान मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलना और पत्राचार किया जाता रहा। पांच सालों के बाद मेहनत का असर दिखा और गुरूवार रात को झारखंड सरकार के मंत्री मंडल की बैठक में संघ के इस मांग को स्वीकार कर लिया गया। इस संदर्भ में झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव अमीन अहमद ने बताया कि केबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने राज्य योजना अंतर्गत झारखंड राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में इंटरमीडिएट प्रशिक्षित वेतनमान लेवल-6 के 9300-34800 ग्रेड पे-4200 में उर्दू शिक्षकों के स्वीकृत 4401 पदों को गैर योजना मद में स्थानांतरित करने की स्वीकृति दी। इससे पुरे राज्य के योजना मद में कार्यरत 701 शिक्षक-शिक्षिकाओं के अलावे रिक्त 3700 उर्दू शिक्षकों के नियुक्ति में शिक्षकों को लाभ मिलेगा। 
अमीन अहमद ने बताया कि सालों से की जा रही इस अधिकार की लड़ाई को मंजिल तब मिली जब विगत 23 दिसंबर 2022 को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री के रवि कुमार से झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा का एक प्रतिनिधि मंडल मिला। इस मुलाकात में चर्चा के दौरान शिक्षा सचिव ने इस बिंदु को काफी गंभीरता से लिया और तत्काल विभागीय आदेश जारी कर संचिका तैयार करने का निर्देश दिये, जिसके बाद ही मंत्री मंडल में प्रस्ताव लाया गया। राज्य सरकार ने केवल वर्तमान में कार्यरत उर्दू शिक्षकों को ही गैर योजना मद में स्थानांतरित नहीं किया, बल्कि बिहार सरकार से सन 2000 में झारखंड के मिले सभी 4401 यूनिट को ही गैट योजना मद में स्थानांतरित कर दी है। इससे भविष्य में होने वाली नियुक्ति में सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार मंत्री परिषद एवं शिक्षा सचिव का आभार व्यक्त किया है। 
*क्या है योजना - गैर योजना मद*
झारखंड में शिक्षकों की बहाली दो मदों में होती है। गैर योजना मद में नियुक्त शिक्षकों का वेतन निकासी सीधे होती है जबकि योजना मद में नियुक्त होने वाले शिक्षकों का वेतन मद में पहले राज्य सरकार वेतन मद की राशि का आवंटन करती है। उसके बाद शिक्षक के आधार पर जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से राशि उपआवंटित की जाती है। योजना मद का वेतन विपत्र भी जिला स्तर से जारी किया जाता है. जिसमें काफी विलंब होता है और समय पर वेतन निकासी नहीं हो पाती है। 

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