नई नीति के मुताबिक हज यात्रियों के पचास हजार रुपए बचेंगे
हजयात्रियों को अब कलकत्ता नहीं जाना पड़ेगा, रांची एक बार फिर इम्बार्केशन प्वाइंट बन गया है
रांची: झारखंड के हज यात्रियों को अब कलकत्ता नहीं जाना पड़ेगा, अब रांची से सीधे जेद्दा के लिए उड़ान भरेगा विमान। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने हज नीति में बड़ा बदलाव किया है। कई सुविधाएं दी गई हैं। अब इच्छुक हज यात्री बिना किसी शुल्क के हज के लिए आवेदन कर सकते हैं। पहले हज के लिए आवेदन करने के लिए 300 रुपये देने पड़ते थे। अब इसके साथ ही बिना मेहरम कोटे के भी अकेली महिला को आवेदन करने की अनुमति है। नई नीति के मुताबिक हज यात्रियों के पचास हजार रुपए बचेंगे। उक्त बातें झारखंड प्रदेश हज कमेटी के अध्यक्ष व विधानसभा सदस्य इरफान अंसारी ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि सेंट्रल हज कमेटी द्वारा जारी सर्कुलर में रांची को भी इंबार्केशन प्वाइंट तय किया गया है।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि अगर कोई यात्री कलकत्ता और अन्य निर्धारित यात्रा स्थलों से प्रस्थान करना चाहता है, तो उसे फॉर्म में इसका उल्लेख करना होगा। उन्हें निर्धारित स्थल से अलग से भेजने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड के हजयात्रियों को अब कलकत्ता नहीं जाना पड़ेगा। रांची एक बार फिर इम्बार्केशन प्वाइंट बन गया है। बताया गया कि हज के लिए आवेदन नि:शुल्क लिया जाएगा, ऐसा पहली बार सरकार ने किया है। पहले हज के लिए आवेदन शुल्क तीन हजार रुपये था इस बार हज में महिलाओं, बुजुर्गों और विकलांगों को प्राथमिकता दी जाएगी। नए आदेश के मुताबिक अब 45 साल से ज्यादा उम्र की महिला अकेले हज यात्रा के लिए आवेदन कर सकती है। पहले बिना मेहरम के चार महिलाओं के साथ जाने का कानून था लेकिन सरकार ने इस कानून को हटा दिया है और अब कोई भी महिला हज के लिए आवेदन कर सकती है। बताया गया कि इस साल नई दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, श्रीनगर, रांची, गया औरंगाबाद, वाराणसी, जयपुर, नागपुर, कोच्चि, अहमदाबाद, लखनऊ, विजयवाड़ा, तंवर और कालीकट को इंबार्केशन प्वाइंट बनाया गया है। प्रेस वार्ता में झारखंड हज कमेटी के सदस्यों के अलावा सीईओ जियाउल हक अंसारी भी मौजूद थे।
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