रांची: खुदा से प्रेम और इबादत के लिए कोई उम्र नहीं होती। रमजान माह में रोजेदार रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं। इसमें बच्चे भी पीछे नहीं हैं। बच्चे वहीं सीखते हैं जो अपने घर में देखते है। घर में नूरानी माहौल है। बच्चे भी इस बरकत के महीने में इबादत कर रहे हैं। खासकर ऐसे बच्चे अधिक उत्साहित हैं जो अपने जीवन में पहली बार रोजा रख रहे हैं। दिन भर रोजे में रहने के बाद वे इफ्तार कर रहे हैं। क्लास 2 की सायबा महताब जिसकी उम्र अभी 6 वर्ष हैं अपनी माता सबाना खानम, पिता महताब खान की जान है।माता पिता का फिक्र था कहीं कुछ परेशानी ना हो जाए। लेकिन पहला रोजा पार कर लिया। सायबा स्कूल जाती हैं, पर स्कूल में अन्य बच्चों को लंच करते देखकर भी उन्हें भूख महसूस नहीं होती। सायबा का कहना है कि पहली बार रोजा रखकर उसे काफी खुशी महसूस हो रही है। पूरे घर वालो की दुआ साथ है, विशेषकर नाना अज़ीम खान, नानी रुखसाना खातून, अंकल पत्रकार आदिल रशीद की दुआ है।
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