रांची: रमज़ान एक ऐसा अकेला महिना है जिसका नाम क़ुरआन में आया है। रमज़ान का महिना वो है जिसमे क़ुरआन उतारा गया। (सूरह बक़रह 185) रमज़ान में क़ुरआन को लौहे महफ़ूज़ से आसमानी दुनया पर उतारा गया। फ़िर जब जब अल्लाह चाहता जरूरत के हिसाब से हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर कुरान को उतारता रहता। नबी सल्ल ने फ़रमाया जब रमज़ान का महीना आता है तो आसमान के सब दरवाज़े खोल दिए जाते है और जहन्नम के सब दरवाज़े बंद करदिये जाते है। और शयातीन को ज़ंजीर से जकड़ दिया जाता है। सहाबा कराम रमज़ान के 6 महीने पहले अल्लाह तआला से दुआ मांगा करते थे, की ए अल्लाह हमें रमज़ान तक पहुंचा दे। ताकि हम रमज़ान का महिना पाकर इसमें खूब इबादत करसके और अपने गुनाहों से तोबा करसके। और अपने नफ़्स को पाक व साफ़ करसके। और रमज़ान से खूब फायदा उठा सके। अल्लाह पाक हम सबको रमज़ान पाक का कद्र करने वाला बनाए। आदिल अज़ीम, जीप सदस्य
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