दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता की पहल

 



दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता  की पहल

प्रगतिशील पशुपालकों के लिए व्यावसायिक डेयरी फार्मिंग की आधुनिकतम पद्धति पर कार्यशाला आयोजित

डेयरी व्यवसाय में महिलाओं की सहभागिता सराहनीय : डॉ.आलोक कुमार पांडेय

   

     विशेष संवाददाता
-------------------------------
रांची। पशुपालन आर्थिक सशक्तिकरण व स्वाबलंबन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। डेयरी व्यवसाय से पशुपालक अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करते हुए भलिभांति जीविकोपार्जन कर सकते हैं। प्रगतिशील पशुपालक व्यावसायिक डेयरी फार्मिंग की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर दुग्ध उत्पादन में अपेक्षित लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। उक्त बातें झारखंड सरकार के गव्य विकास निदेशालय के पूर्व निदेशक व डेयरी साइंस कॉलेज, हंसडीहा के डीन डॉ.आलोक कुमार पांडेय ने प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान,धुर्वा,रांची में गव्य विकास विभाग के तत्वावधान में 'प्रगतिशील डेयरी पशुपालकों के लिए व्यावसायिक डेयरी फार्मिंग की आधुनिक पद्धति' पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने की दिशा में प्रगतिशील पशुपालकों का सहयोग सराहनीय है। डेयरी व्यवसाय में महिलाओं की बढ़ती सहभागिता पर हर्ष व्यक्त करते हुए डॉ.पांडेय ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए महिला पशुपालकों का सहयोग प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि दूध में प्रचूर मात्रा में पौष्टिक तत्व मौजूद रहते हैं। आर्थिक,शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में दूध काफी सहायक है।



 उन्होंने पशुपालकों से कहा कि हरा चारा लगाएं और दुग्ध उत्पादन बढ़ाएं। साथ ही साथ पर्यावरण के संरक्षण का भी ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि गोबर से बढ़िया कोई खाद नहीं होता है। ऑर्गेनिक फार्मिंग सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए विभिन्न प्रकार की आधुनिकतम तकनीकों से पशुपालकों को अवगत कराया।
कार्यशाला का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गव्य विकास विभाग के भूतपूर्व सहायक निदेशक मुकुल प्रसाद सिंह ने की। श्री सिंह ने कार्यशाला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए विषय प्रवेश कराया।
  इस अवसर पर रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डेयरी पशु-प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग की डॉ.नंदनी कुमारी ने पशुपालकों को पशु-प्रजनन एवं अनुवांशिकी विषयक महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराया। कार्यशाला में डेयरी पशुओं के स्वास्थ्य प्रबंधन पर डॉ.तपन शर्मा ने प्रकाश डाला। वहीं, डेयरी पशु न्यूट्रिशन के बारे में डॉ.एसएस कुल्लू ने प्रगतिशील पशुपालकों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी। 
 कार्यशाला में गव्य विकास विभाग के भूतपूर्व सहायक निदेशक रविंद्र कुमार सिन्हा ने डेयरी पशुओं के खानपान पर विशेष ध्यान देने और सावधानी बरतने की पशुपालकों को सलाह दी। 
  कार्यशाला में झारखंड के विभिन्न जिलों से लगभग डेढ़ सौ प्रगतिशील दुग्ध उत्पादक (पशुपालक) शामिल हुए। 


सेमिनार में स्वागत भाषण व मंच संचालन सेवानिवृत्त जिला गव्य विकास पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने किया। श्री सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया। वहीं, धन्यवाद ज्ञापन रांची जिला गव्य विकास पदाधिकारी सह मुख्य अनुदेशक, प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान कौशलेंद्र कुमार सिंह ने किया।
 इस अवसर पर सुरेश कुमार, संतलाल प्रसाद, इंटास कंपनी के प्रतिनिधि सत्यप्रकाश सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

Post a Comment

0 Comments

MK Advance Dental Hospital
Hopewell Hospital
Shah Residency IMG
S.R Enterprises IMG
Safe Aqua Care Pvt Ltd Image