तरावीह में क़ुरआन मुकम्मल होने पर मांगी देश और राज्य की खुशहाली की दुआ
तरावीह का नजराना 1 लाख 66 हजार 5 सो कारी साहब को मिला
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रांची: रमज़ान का मुकद्दस महीना चल रहा है। इस महीने में मुसलमान रोज़ा रखते हैं और रात में इशा नमाज़ के बाद विशेष नमाज़ तरावीह पढ़ते हैं। तरावीह की नमाज़ सभी मस्जिदों में 27 दिन की होती है। मस्जिद के अलावा ज्यादातर जगहों पर दस दिनों वाली होती है। रमजान का चांद देखकर तरावीह की नमाज़ शुरू होती है और ईद का चांद देखकर बंद होती है। इसी क्रम में आज कांके ब्लॉक रोड हाशिम मार्केट के सामने हाजी मार्केट के बगल में अबुल कलाम के आवास पर मुख्तार आलम कांके के संरक्षक(निगरानी) में ग्यारहवें रमज़ान पर तरावीह में क़ुरआन मुकम्मल हुआ। जिसको झारखंड के प्रख्यात कारी कारी सोहेब अहमद ने एक खत्म कुरान किया।
खत्म तरावीह के मौके पर खतीब बेबाक हज़रत मौलाना इमरान नदवी ने रमज़ान महीने की फ़ज़ीलत और क़ुरआन की अहमियत अल्लाह और उसके रसूल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वोह लोग बहुत .खुश नसीब हैं जिनको तरावीह में क़ुरआन सुनने का अवसर मिला है। क़ुरआन को अल्लाह ने रमज़ान के महीने में आसमान से ज़मीन पर उतारा है। इसमें बताई गई हर बातें सच्ची हैं इसका इनकार करने वाला मुसलमान नहीं है। हमको क़ुरआन पर अमल करना है ताकि दोनों जहान में कामयाबी मिल सके।
अंत में उपस्थित लोगों ने कारी साहब को गुलपोशी कर तोहफ़ा पेश कर नजराना 1 लाख 66 हजार 5 सो रुपया दिया और नमाजि़यों में शिरिनी वितरित की गई। लोगों ने कहा कि कारी सोहेब ने जिस अंदाज में कुरान को सुनाया, दिल को सुकून मिलता गया। लगता था और सुने, और सुने। अंत में कारी सोहेब अहमद की दुआ हुई।
देश और राज्य की खुशहाली, अमन व सलामती, आपसी भाईचारगी, राज्य की तरक्की की दुआ मांगी गई। कारी सोहेब ने कहा कि यहां के लोगों ने जो प्यार दिया हम उन सबका शुक्रिया अदा करते हैं। इस अवसर पर मो मुख्तार, अबुल कलाम, डॉक्टर मुख्तार, मो शाहिद, मो सरफराज, मो अकबर, मो जावेद, मो मेराज, मो सजाद, मो जुबैर, मो फरीद, मो मंजर, मो सलमान, मो तौसीफ, मो साजिद, मो मनव्वर आदि थे।
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