हाई स्कूल शिक्षको के अनुसूचित जिलों में पदस्थापना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अवहेलना
ओरमांझी-राज्य की माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों 2016 के सोनी कुमारी मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में गैर अनुसूचित जिला से अनुसूचित जिले में पदस्थापना हेतु विषय वार एवं कोटि वार मेरिट के आधार पर आवेदन की मांग की गई थी। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में यह कहा गया था कि पहले स्टेट मेरिट लिस्ट बनाया जाए फिर जो अभ्यर्थी योग्य होंगे। मार्क मेरिट के आधार पर उन्हें आवेदित अनुसूचित जिला में एडजस्ट किया जाए। सर्वोच्च न्यायालय का आदेश के अवहेलना कर सरकार के सचिव के रवि कुमार द्वारा अनुसूचित जिला के शिक्षकों को नहीं हटाकर सिर्फ रिक्त पदों पर ही गैर अनुसूचित के शिक्षकों को स्थान तरण की जाएगी अनुसूचित जिला के शिक्षक अपने ही जिला में रहेंगे जब उन्हें अन्य जिला में नहीं भेजा जाएगा तो गैर अनुसूचित जिला के शिक्षकों को कहां एडजस्ट करेंगे।दूसरी तरफ पदस्थापना हेतु गैर अनुसूचित जिला के अभ्यार्थी आरक्षित कोटी ओबीसीST SC से हैं। और उनकी नियुक्ति UR में हुई है तो अनुसूचित जिला में उन्हें UR कोटी में ही मिलान कर अयोग्य बताया जा रहा है।जो न्याय संगत नहीं है। कोई आरक्षित कोटि से है। तो वह आरक्षित कोटि में ही अपना मार्क्स कट ऑफ मिलान कर सकते हैं। इस प्रकार सरकार के सचिव के रवि कुमारb सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। अनुसूचित जिलों के शिक्षकों के मांग के आधार पर सहमति दिखा रहे हैं और पत्र निर्गत कर रहे हैं। रामगढ़ विधानसभा पूर्व प्रत्याशी फारूक अंसारी का कहना है। शिक्षा सचिव के रवि कुमार सरासर गलत कर रहा है।
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